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खरीफ और रबी फसल में क्या अंतर है? (What is the difference between Kharif and Rabi Crops in Hindi?)
भारत में कई तरह की फसलें उगाई जाती है कुछ फसलें बारिश के मौसम में उगती है तो कुछ सर्दियों में पैदा होती है। फसलों की उपज के समय के अनुसार उन्हें दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है जिसमें से एक होती है खरीफ फसलें तथा दूसरी होती है रबी फसलें।
रबी और खरीफ फसलें ऐसे दो फसलों के पैटर्न हैं जिनको कई बड़े एशियाई देशों जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत में अपनाया जाता है। हालांकि कई लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि खरीफ फसलों और रबी फसलों के बीच क्या अंतर होते हैं इसीलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि रबी फसलें और खरीफ फसलें क्या होती हैं तथा इन दोनों के बीच क्या अंतर है?
खरीफ फसलें किसे कहते है? (What is Kharif Crop in Hindi)
खरीफ शब्द अरबी भाषा से निकला है। खरीफ़ का अरबी में अर्थ होता है पतझड़। आपको बता दें, खरीफ फसलें अक्टूबर और नवंबर के महीने में तैयार होती है और इस दौरान पतझड़ का मौसम होता है इसीलिए इन फसलों को पतझड़ की फसल या खरीफ की फसल कहा जाता है। इसके अलावा खरीफ फसलों को मानसूनी फसलों के नाम से भी पुकारा जाता है। दरअसल, इसे मानसूनी फसल इसलिए बोला जाता है क्योंकि यह मानसून के प्रारंभ होते ही लगाई जाती है और मानसून के खत्म होने पर इसकी कटाई होती है।
खरीफ फसलों को जून-जुलाई में बोया जाता है। अक्टूबर-नवंबर के महीने में जाकर यह तैयार होती है, तभी इनकी कटाई भी की जाती है। हालांकि, जिन क्षेत्रों में इन फसलों को लगाया जाता है वहां यदि बारिश शुरू होने में अंतर देखा जाता है तो इसे आगे-पीछे किया जाता है। उदाहरण के लिए जहां केरल में 1 जून से ही खरीफ फसलों की रोपाई होती है। वहीं उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में यह देरी से होती है।
खरीफ फसलों को उगाने के लिए ज्यादा मात्रा में पानी आवश्यक होती है। चूँकि भारत में ज्यादातर किसान फसलों को उगाने के लिए वर्षा पर ही निर्भर है इसीलिए यह फसल अक्सर खतरे में होती है, क्योंकि बारिश ही इनकी अच्छी या कम गुणवत्ता का होने का निर्णय लेता है। यदि कम बारिश होती है तो इस वजह से यह फसलें खराब हो जाती है। वही ज्यादा बारिश की वजह से यह सड़ जाती हैं। अतः यह कहा जा सकता है कि खरीफ फसलों के लिए वर्षा का पानी, समय और मात्रा इसके उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह फसलें उस दौरान ही पुष्पित होती है जब दिन छोटे होते हैं।
खरीफ फसलों के उदाहरण
चावल, गन्ना, मूंगफली, कपास, गन्ना, हल्दी, बाजरा, मक्का, ज्वर, कपास, दालें, रागी, सोयाबीन आदि। इन फसलों में नगदी और व्यापारिक फसलें प्रमुख होती हैं।
रबी फसलें क्या है? (What is Rabi Crop in Hindi?)
रबी शब्द की उत्पत्ति भी अरबी भाषा से हुई है जिसका अर्थ होता है बसंत। दरअसल, रबी फसलें बसंत के मौसम में तैयार होती हैं। इन फसलों को सर्दियों में लगाया जाता है जिस वजह से इन्हें ठंडी की फसल या वसंत ऋतु की फसल के नाम से भी पुकारा जाता है।
इन फसलों को अक्टूबर-नवंबर में बोया जाता है। यह फसलें शुष्क मौसम में पैदा होती है जिस वजह से इनकी सिंचाई करना जरूरी होता है। लेकिन इन फसलों को ज्यादा जल की जरुरत नहीं होती। जब दिन बड़े होते हैं तभी यह फसलें पुष्पित होती हैं और मार्च-अप्रैल के महीने में जब यह पूरी तरह से तैयार हो जाती है, तभी इन फसलों की कटाई भी की जाती है।
रबी फसलों के उदाहरण
गेहूं चना तिलहन, सरसों, सूरजमुखी, रेपसीड, अलसी,जीरा, धनिया,जई, जौ, मटर, प्याज,आलू,टमाटर आदि। इन फसलों में खाद्यान्न फसलों की प्रधानता होती है।
रबी और खरीफ फसलों का तुलनात्मक चार्ट
रबी और खरीफ फसलों के अंतर को इस चार्ट के माध्यम से समझा जा सकता है:-
तुलना का आधार | खरीफ फसलें | रबी फसलें |
अर्थ | वे फसलें जिन्हें बारिश के मौसम के आरम्भ के साथ ही बोया जाता है, उन्हें खरीफ़ फसलें कहा जाता है। | वे फसलें जिन्हें मानसून के अंत में बोया जाता है, उन्हें रबी फसलों की श्रेणी में रखा जाता है। |
उदाहरण | मूंगफली, ज्वार, बाजरा, चावल, मक्का आदि। | तिलहन, चना, गेहूं, जौ |
आवश्यकता | इन फसलों को उगाने के लिए पानी के साथ गर्म जलवायु की जरूरत होती है। | इन फसलों को उगाने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती तथा यह ठंडी जलवायु लगाई जाती है। |
पुष्पित | जब दिन छोटे होते हैं | जब दिन लंबे होते हैं |
बुवाई का समय | जून-जुलाई | अक्टूबर-नवंबर |
कटाई का समय | सितंबर अक्टूबर | मार्च-अप्रैल |
खरीफ और रबी फसल में अंतर (Kharif and Rabi Crops difference in Hindi)
- खरीफ और रबी दोनों शब्दों की ही उत्पत्ति अरबी भाषा के शब्दों से हुई है। खरीफ का अर्थ होता है पतझड़ जबकि रबी का अर्थ होता है बसंत।
- खरीफ फसलों को मानसूनी फसलों के नाम से जाना जाता है। वहीं रबी फसलों को ठंड की फसलों या बसंत ऋतु की फसलों के नाम से जाना जाता है।
- खरीफ फसलों की वृद्धि के लिए अधिक पानी की जरूरत होती है। वही रबी फसलों की वृद्धि के लिए कम पानी की जरूरत होती है।
- मानसून की शुरुआत के साथ खरीफ फसलों को बोया जाता है। वही मानसून के खत्म होने के बाद यानी कि सर्दियों के मौसम में रबी फसलों की बुवाई की जाती है।
- रबी फसलों को जून-जुलाई के महीने में बोया जाता है। वही खरीफ फसलों को अक्टूबर-नवंबर के महीने में बोया जाता है।
- रबी फसलों की खेती के लिए ज्यादा मात्रा में जल की जरूरत नहीं होती। जबकि खरीफ फसलों की खेती के समय ज्यादा जल की आवश्यकता होती है।
- खरीफ फसलें जल्दी पक जाती है लेकिन रबी फसलों को पकने में अपेक्षाकृत ज्यादा समय लगता है।
- जब दिन छोटे होते हैं तब खरीफ फसलें पुष्पित होती हैं। वहीं जब दिन लंबे होते हैं उस दौरान रबी फसलें पुष्पित होती हैं।
- रबी फसलों में गेहूं, मटर, चना, प्याज, आलू और टमाटर आदि शामिल होते हैं। जबकि खरीफ फसलों में मक्का, चावल, मूंगफली, ज्वार आउट बाजरा आदि को शामिल किया जाता है।
- सितंबर-अक्टूबर के महीने में खरीफ़ फसलों को काटी जाती है। वही मार्च -अप्रैल के महीने में रबी फसलों की कटाई की जाती है।
- खरीफ़ फसलों का प्रति हेक्टेयर उत्पादन कम होता है जबकि रबी फसलों का प्रति हेक्टेयर उत्पादन ज्यादा होता है।
निष्कर्ष
रबी फसलें और खरीफ फसलें दोनों ही हमारे खाद्यान्न का मुख्य अंग होती हैं क्योंकि गेहूं और चावल इन फसलों में शामिल होती है, जिन्हें भारत का मुख्य आहार भी कहा जाता है। खरीफ फसलों को उगाने में ज्यादा मात्रा में पानी की जरूरत होती है।
वही रबी फसलों को उगाने में पानी की जरूरत नहीं होती। आज भी देश में ज्यादातर किसान फसलों को उगाने के लिए वर्षा पर निर्भर है। बारिश होने या ना होने का प्रभाव इन फसलों पर पड़ता है। इसीलिए खरीफ फसलों के मुकाबले रबी फसलें ज्यादा सुरक्षित फसलें मानी जाती हैं। एशिया के बड़े देशों जिनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत शामिल है, वहां इन फसलों को इसी पैटर्न के मुताबिक उगाया जाता है।
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रबी और खरीफ फसलों के अंतर को इस आर्टिकल में बताने का प्रयास किया गया है। उम्मीद है यह आपके लिए मददगार साबित होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।