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हिंदी दिवस पर निबंध | Hindi Diwas Essay in Hindi
हिंदी, भारत में भाषा और संप्रेषण का सशक्त माध्यम है। हिंदी भाषा को जन-जन की भाषा बोला जाता है क्योंकि यह भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिंदी हमारी राजभाषा भी है जिसने वैश्विक मंच पर हमें कई बार सम्मान भी दिलाया है। लेकिन वर्तमान में अंग्रेजी के प्रभाव की वजह से आज हिंदी का अस्तित्व खतरे पर पड़ गया है। भारत में ज्यादातर लोग पश्चिमी भाषाओं को सीखने पर जोर देते हैं। उनका मानना है कि पश्चिमी भाषाएं जैसे की अंग्रेजी, प्रतिष्ठा और विद्वता का प्रतीक है।
हर देश की अपनी भाषा होती है तथा यह भाषा वहां की संस्कृति, रीति-रिवाज का परिचायक होती है। इसी तरह भारत की भाषा भी भारत की संस्कृति व यहां के रीति-रिवाजों की परिचायक है। भारत की भाषाओं को सीखने के लिए आज विदेशी भी इस भाषा में पठन-पाठन कर रहे हैं। आज विदेशों में कई प्रमुख शिक्षण संस्थानों में, बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज में हिंदी भाषा को प्रमुखता से पढ़ाया जा रहा है।
कुछ लोगों को लगता है कि हिंदी भाषा में करियर के विकल्प मौजूद नहीं है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि हिंदी एक वैश्विक भाषा बनने की ओर अग्रसर हो रही है। हिंदी सर्वाधिक जनसंख्या द्वारा बोली जाती है। यह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों जैसे फिजी, मोरिशियस, सूरीनाम आदि कई देशों में बोली जाती है। ऐसे में हिंदी भाषा का महत्व बढ़ता जा है। हिंदी भाषा के महत्व को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसीलिए आपको हिंदी के महत्व को बताने के लिए आज हम हिंदी दिवस में छात्रों के लिए यह निबंध और भाषण लेकर आए हैं।
भूमिका (Introduction)
भारत में हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, 14 सितंबर के ही दिन साल 1949 में भारतीय संविधान में हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। बहुत से लोग यह तो जानते हैं कि हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है। लेकिन लोगों को यह नहीं पता होता की हिंदी भारत की राजभाषा है या राष्ट्रभाषा? लोग राजभाषा और राष्ट्रभाषा के अंतर (Difference between Official Language and National Language in Hindi) में उलझ कर रह जाते है।
तो हम आपको बता दें, हिंदी भारत की राजभाषा है न की राष्ट्रभाषा। असल में भारत की तो कोई राष्ट्रभाषा है ही नहीं, क्योंकि भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां कई भाषाएं बोली जाती है। हिंदी भाषा विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है लेकिन आज अंग्रेजी भाषा के प्रभाव की वजह से उसकी स्थिति चिंताजनक हो चुकी है क्योंकि यह आज अपने अस्तित्व को बरकरार रखने के लिए लड़ाई लड़ रही है।
हिंदी दिवस का इतिहास (History of Hindi Diwas)
हिंदी की एक विशेषता है कि यह लोगों के जरिए हिंदुस्तान को एकजुट रखती है। जब भारत आजाद हुआ तब कई लोगों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने को कहा जिनमें काका कालेलकर, रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविंद दास आदि शामिल थे। जब भारत के संविधान में नियम और कानून तय किए जा रहे थे तब उस दौरान हिंदी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने का मुद्दा गरमा रहा था क्योंकि भारत में सैकड़ों भाषाएं तथा हजारों बोलियां बोली जाती हैं। ऐसे में किसी एक भाषा को दर्जा देना काफी चिंताजनक था। बहुत समय तक विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया कि नए भारत की आधिकारिक भाषाओं में हिंदी और अंग्रेजी शामिल होगी। इस तरह 14 सितंबर 1949 में संविधान सभा द्वारा हिंदी को राजभाषा के रूप में चुना गया।
आगे जाकर जवाहरलाल नेहरू सरकार द्वारा 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया गया। यह दिन हिंदी के लिए एक ऐतिहासिक दिन था। हिंदी भाषा का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में किया गया है। इस अनुच्छेद में बताया गया है कि हिंदी भारत की राजभाषा है तथा हिंदी की लिपि देवनागरी है। भारत में पहला आधिकारिक हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था।
हिंदी दिवस कैसे मनाया जाता है? (How Hindi Diwas is celebrated?)
विश्व हिंदी दिवस विभिन्न देशों में मौजूद भारत के दूतावासों में मनाया जाता है। इस दिन हिंदी के प्रचार एवं प्रसार के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आपको बता दें, हिंदी दिवस राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है। देश में मनाया जाने वाला हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है वहीं विश्व हिंदी दिवस हर वर्ष 10 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाता है। विश्व हिंदी दिवस को मनाए जाने के पीछे का कारण यह है इसके जरिए हम वैश्विक स्तर पर हिंदी का प्रचार-प्रसार करते हैं जिससे विदेशी लोगों को भी हिंदी भाषा के महत्व के बारे में जानकारी हो।
आपको बता दें, साल 2006 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने हिंदी भाषा के वैश्विक स्तर पर प्रचार एवं प्रसार के लिए 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने का ऐलान किया था। पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को आयोजित किया गया था।
देश में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है, कई स्कूल, कॉलेजों में हिंदी दिवस को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन हिंदी दिवस के महत्व के बारे में लोगों को बताने के लिए स्कूल में हिंदी भाषण, हिंदी दिवस, हिंदी कविताएं, कहानियां आदि से संबंधित प्रतियोगिताएं तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मेजबानी की जाती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
हिंदी के सम्मान को बनाए रखने तथा इसके महत्व को लोगों को बताने में हिंदी दिवस की महत्वपूर्ण भूमिका है। हिंदी दिवस की वजह से ही हमारी राजभाषा हिंदी को सम्मान दिया जाता है। वर्तमान में लोग अंग्रेजी भाषा से प्रभावित हो चुके हैं तथा इसी को सीखने की होड़ में लगे हुए हैं। ऐसे में हिंदी दिवस उन्हें उनकी संस्कृतियों से रूबरू कराने का सशक्त माध्यम है।
हिंदी दिवस पर भाषण | Speech on Hindi Diwas in Hindi
14 सितंबर 1953 से लेकर अब तक हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। साल 2021 में देश का 69वां हिंदी दिवस मनाया जाने वाला है। इस दिन कई स्कूल, कॉलेजों में हिंदी भाषण, हिंदी निबंध व प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। ऐसे में अगर आप हिंदी भाषण अपने स्कूल या कॉलेज में बोलना चाहते हैं तो आप सही जगह आए हैं। आइए जानते हैं हिंदी दिवस पर भाषण (Speech On Hindi Diwas) का उदाहरण:-
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप-प्रधानाचार्य महोदय तथा माननीय शिक्षक गण तथा मेरे प्यारे साथियों। आज हम सभी हिंदी दिवस को मनाने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं इसीलिए सबके सामने मैं हिंदी दिवस पर अपनी कुछ पंक्तियां कहना चाहता हूं। आशा है आप मुझे ध्यान से सुनेंगे।
आप तो जानते ही हैं हर साल 14 सितंबर को आप और हम हिंदी दिवस के मौके पर यहां एकत्रित होते हैं। सिर्फ हमारे ही विद्यालय में हिंदी दिवस नहीं मनाया जाता बल्कि देश के समस्त विद्यालयों में यह दिन बड़ी खुशी के साथ मनाया जाता है। लेकिन हिंदी दिवस को मनाने से भी बड़ी बात है, हिंदी का दिल से सम्मान करना। आज आप और हम अंग्रेजी भाषा के प्रभाव में आकर अपनी भाषा को भूलते जा रहे हैं। अपनी भाषा को खोने का मतलब अपने अस्तित्व को खोना है। इसीलिए हमें हिंदी भाषा के महत्व को समझते हुए ज्यादा से ज्यादा इसका प्रचार- प्रसार करना चाहिए। आप और हम अपने स्तर पर हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में योगदान दे सकते हैं।
हिंदी के महत्व को देखते हुए तो कई सालों पहले राजभाषा अधिनियम के जरिए हिंदी को कर्मकांड की भाषा में बदल दिया गया था। इस अधिनियम के तहत हर कार्यालय में एक राजभाषा अधिकारी कार्यरत होता है जिसका काम होता है हिंदी के कामकाज का अनुवाद कर उसकी रिपोर्ट तैयार करना।
लेकिन हिंदी भाषा का यह महत्व लोगों से कहीं दूर होता जा रहा है। आज अंग्रेजी भाषा को लोगों ने अपना लिया है तथा हिंदी भाषा को बिना किसी कसूर दूर कर दिया है। आज ज्यादातर बच्चे अंग्रेजी भाषा में उत्तीर्ण हो जाते हैं वही अपनी ही मातृभाषा यानी कि हिंदी में विफल हो जाते हैं। धीरे-धीरे यह एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। इसीलिए हमें अपने घर परिवार से हिंदी का प्रचार प्रसार शुरू करना चाहिए और हिंदी को उसका सम्मान उसे वापस दिलाना चाहिए। धन्यवाद!
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना हिंदी दिवस पर निबंध (Essay on Hindi Diwas in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।