HINDI KAVITA: दिल कहता है

दिल कहता है

आज मेरा दिल कहता है
मैं भी कलमकार बन जाऊँ
माँ शारदे की साधना करूँ
और नाम कमाऊँ।
पर कैसे लिखूँ?
मुझे तो कुछ आता नहीं है,
कहानी,कविता,गीत,गजल से
पत्र पत्रिकाओं से मेरा
कोई नाता नहीं है।

पर दिल ने कहा है
तो मैंने भी ठाना है,
मेरे पास बचने का
न कोई बहाना है।
मैनें भी कलम थाम लिया है,
बस!माँ शारदे को प्रणाम किया है
आज से ही मैनें
कलमकार बनने की
अब ठान लिया है,
दिल ने कहा जो मुझसे
मैंने मान लिया है।

Read Also:
HINDI KAVITA: माँ
HINDI KAVITA: प्रेम
HINDI KAVITA: लांछन
HINDI KAVITA: जन्मदाता
HINDI KAVITA: बेगैरत दुनिया
HINDI KAVITA: दर्द ए दिल
HINDI KAVITA: प्रेम वैराग्य
HINDI KAVITA: दिखावटी समाज

अगर आप की कोई कृति है जो हमसे साझा करना चाहते हो तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन पर जा कर बताये अथवा contact@helphindime.in पर मेल करें.

1 Star2 Stars3 Stars4 Stars5 Stars (1 votes, average: 5.00 out of 5)
Loading...

About Author:

सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002