लेख: दोषी हम भी
दोषी हम भी | Guilty We Too हमारा जीवन अनेक विडंबनाओं और विवशताओं के बीच बीतता है। हम खुद को,औरों को या भाग्य को दोषी मान घुट घुटकर जीने को विवश महसूस करते हैं। प्रश्न उठता है कि क्या उपरोक्त को दोषी मानकर ही इतिश्री मान लेने भर से संतुष्ट हो जायेंगे हम या आप? […]