HINDI KAVITA: प्रेम वैराग्य
प्रेम वैराग्य जिसको मैंने अपना माना वो सब तो पराय थे मेरे जीवन के सराय में किराय दार बन आये थे नित्य देख लिये थे मैंने सुहाने सपने उन आंखों में बड़ा मर्म था बड़ा प्यार था उसकी मीठी बातों में आज खलिहर हुआ दिल किसी एक के जाने से खोल लेता हूं अल्फाज मैं […]