HINDI KAVITA: संस्कार
संस्कार संस्कारों का भी अपना संसार है, संस्कारों पर भी सबके अलग मानदंड हैं। सब अपने अपने ढंग से संस्कार ही तो देते हैं, पर उन संस्कारों की परिधि से खुद को दूर ही रखते हैं। आज संस्कार भी विडम्बनाओं केजाल में उलझकर रह गया है। बाप बेटे को संस्कार ही तो देता है,अपने माँ […]