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मीना कुमारी की जीवनी | Biography of Meena Kumari in Hindi
बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत हीरोइन और सब के दिलों पर राज करने वाली मीना कुमारी हमारे देश की महान कलाकारों में से एक रही हैं।
अपनी मेहनत और अदाकारी के दम पर बॉलीवुड में पांव जमाने वाली मीना कुमारी बहुत ही कम उम्र में दुनिया को छोड़ कर चली गई थीं, लेकिन आज भी मीना कुमारी को उनके अभिनय को और फिल्मों के लिए याद किया जाता है।
आज के युवा, हो सकता है कि मीना कुमारी के नाम से उतना परिचित न हो। लेकिन उस दौर में लोग मीना कुमारी के दीवाने थे। आइए जानते हैं मीना कुमारी के जीवन के बारे में-
असली नाम | महजबीं बानो |
अभिनेत्री बनने के बाद नाम | मीना कुमारी |
जन्म | 1 अगस्त, 1933 |
जन्म स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र |
पिता का नाम | अली बख़्श |
माता का नाम | इकबाल बानो (पूर्व नाम प्रभावती देवी) |
बहनें | दो बहनें |
पेशा | अभिनेत्री |
विवाह | कमाल अमरोही |
मृत्यु | 31 मार्च 1972 |
मृत्यु के समय आयु | 38 वर्ष |
जन्म व परिवार (Birth & family)
मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त 1933 को मुंबई (बंबई), महाराष्ट्र में हुआ था। इनके पिता का नाम अली बख़्श और माता का नाम इकबाल बानो था।
जन्म के समय मीना कुमारी का नाम इनके घर वालों ने महजबीं रखा था लेकिन मीना कुमारी के फिल्मी दुनिया में कदम रखने के बाद इन्होंने अपना नाम महजबीं से बदलकर मीना कुमारी कर लिया।
उनके पिता एक कलाकार थे जिन्होंने ईद का चांद फिल्म में अभिनय किया था और उनकी माता एक कुशल नृत्यांगना व अदाकारा थी।
मीना के पिता अली बख़्श ने दो शादियाँ की थीं, उनकी दूसरी पत्नी का नाम इकबाल बानो था जिन्होंने मीना कुमारी को जन्म दिया था।
वह बंगाल राज्य की थी और क्रिश्चियन थी पर विवाह के बाद उन्होंने धर्म बदलकर अपना नाम प्रभावती देवी से इकबाल बानो रख लिया था।
मीना कुमारी की दो बहनें थीं। बड़ी बहन विवाह के बाद पाकिस्तान चली गई और छोटी बहन ने अभिनेता महबूद से निकाह (विवाह) किया था।
इनकी दोनों बहनों ने भी बॉलीवुड में कुछ समय तक अभिनय किया था। ऐसा बताया जाता है कि परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण मीना कुमारी के जन्म होने पर इनके परिवार वालों ने इन्हें अनाथालय में छोड़ दिया था।
लेकिन कुछ वक़्त बाद ही उनका दिल पिघल गया और वे वहां से अपनी पुत्री को वापस घर ले आए।
मीना कुमारी की शिक्षा (Meena Kumari’s Education)
मीना कुमारी ने बहुत ही अल्प आयु में फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। साथ ही घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वे कभी स्कूल नहीं जा पाईं, इस वजह से वे कभी शिक्षा नहीं प्राप्त कर सकीं। लेकिन बाद में उन्होंने शिक्षा प्राप्त करने के लिए निजी टीचर रखा।
मीना कुमारी की लव लाइफ और विवाह (Meena Kumari’s love life & marriage)
फिल्म तमाशा की शूटिंग के दौरान मीना कुमारी की मुलाकात जाने-माने निर्देशक कमाल अमरोही से हुई थी।
अमरोही ने मीना कुमारी को फिल्म अनारकली में काम करने का ऑफर दिया लेकिन शूटिंग शुरू होने के समय मीना कुमारी को एक सड़क दुर्घटना में थोड़ी चोट आ गई थी। उस समय अमरोही रोज उनसे मिलने अस्पताल जाने लगे और बाद में भी मीना कुमारी उनसे फोन पर बात किया करती थी।
और एक वर्ष के बाद इन दोनों ने 14 फरवरी 1952 में विवाह (निकाह) कर लिया। मीना कुमारी ने इस बात की भनक अपने पिता को नहीं लगने दी। उनके विवाह में केवल करीबी मित्र और मीना की बहन शामिल हुई थीं। जब इन दोनों का विवाह हुआ तो मीना केवल 19 साल की थी और अमरोही 34 साल के थे।
जब यह खबर उनके पिता तक पहुंची तो उन्होंने मीना को तलाक लेने के लिए बोला लेकिन वह नहीं मानीं। इसके बाद उनके पिता ने उनको अमर नाम की फिल्म में काम करने के लिए बोला।
लेकिन इस फिल्म की शूटिंग के दरमिया मीना कुमारी की इस फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक, मेहबूब खान से लड़ाई हो गई और मीना कुमारी ने वह फिल्म छोड़ दी और दायरा नाम की फिल्म में काम करने लगी।
जिस पर क्रोधित होकर उनके पिता ने उनको इस फिल्म को छोड़ने या फिर घर छोड़ने के लिए बोला। तत्पश्चात मीना कुमारी अपने पिता का घर छोड़ कर अपने पति अमरोही के पास रहने के लिए चली गईं।
मीना कुमारी और अमरोही का तलाक (Meena Kumari and Kamal Amrohi’s divorce)
निकाह के बाद भी मीना कुमारी ने फिल्मों में काम करना जारी रखा, लेकिन कमाल अमरोही नहीं चाहते थे कि वह फिल्मों में काम करें। उन्होंने उन पर बहुत सी शर्तें रख दीं, जैसे कि जल्दी घर आना या पुरुषों से बात न करना, जिस वजह से इन दोनों के विवाह में बाधाएं आने लगीं और आगे चलकर वर्ष 1964 में इन दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया।
तलाक के पश्चात मीना कुमारी का नाम बहुत से अन्य अभिनेता के साथ जोड़ा गया पहले इनका नाम गुलज़ार से जोड़ा गया लेकिन बाद में दोनों की दोस्ती खत्म हो गई और फिर उसके बाद धर्मेंद्र के साथ भी इनका नाम जोड़ा गया और फिल्म निर्देशक सावन कुमार के साथ भी।
कहते हैं कि धर्मेंद्र के शुरुआती करियर के समय इन दोनों के बीच बहुत नजदीकियां बढ़ गई थी लेकिन जब धर्मेंद्र सुपरस्टार बन गए तब इन दोनों के अलग होने की खबरें आने लगी और इसी वजह से मीना कुमारी को शराब की बुरी लत लग गई और उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ने लगा।
मीना कुमारी का फिल्मी करियर (Meena Kumari’s film career)
मीना कुमारी ने बहुत छोटी आयु में ही बॉलीवुड में अपने कदम रखे थे।
वर्ष 1946 में मीना कुमारी ने बच्चों का खेल नामक फिल्म में काम किया था और इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने अपना नाम महजबीं से बदलकर मीना कुमारी रख लिया था।
जब वे केवल 13 वर्ष की थीं तब तक उन्होंने कुल 12 फिल्में की थीं। इसके बाद वर्ष 1952 में आई बैजू बावरा में वे मुख्य फीमेल किरदार में दिखाई पड़ीं।
1953 में परिणीता नाम की फिल्में भी इन्होंने मुख्य अभिनेत्री के रूप में कार्य किया।
1962 में रिलीज हुई साहिब बीवी और गुलाम से इन्हें काफी प्रसिद्धि मिली।
उनके पति कमाल अमरोही द्वारा निर्मित पाक़ीज़ा फिल्म में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई जिसे बनने में कुल 14 वर्ष लगे थे और यह फिल्म 1972 में जाकर रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने मीना कुमारी को अलग ही पहचान दी थी।
मीना कुमारी की सभी फिल्मों के नाम (Names of all Meena Kumari films)
लेदरफेस 1939
बैजू बावरा 1952
तमाशा 1952
दो बीघा जमीन 1953
परिणीता 1953
दायरा 1953
फुटपाथ 1953
बादबाँ 1954
बंदिश 1955
आजाद 1955
मेमसाहब 1956
एक ही रास्ता 1956
शारदा 1957
मिस मैरी 1957
फरिश्ता 1958
सहारा 1958
सवेरा 1958
यहूदी 1958
चिराग कहां रोशनी कहां 1959
शरारत 1959
अर्धांगिनी 1959
कोहिनूर 1960
दिल अपना और प्रीत पराई 1960
ज़िंदगी और ख्वाब 1961
भाभी की चूड़ियां 1961
प्यार का सागर 1961
आरती 1962
साहिब बीवी और गुलाम 1962
मैं चुप रहूंगी 1962
किनारे–किनारे 1963
दिल एक मंदिर 1963
अकेली मत जइयो 1963
बेनज़ीर 1964
सांझ और सवेरा 1964
मैं भी लड़की हूँ 1964
चित्रलेखा 1964
ग़ज़ल 1964
पूर्णिमा 1965
भीगी रात 1965
काजल 1965
पिंजरे के पंछी 1966
फूल और पत्थर 1966
चंदन का पालना 1967
मंझली दीदी 1967
बहू बेगम 1967
बहारों की मंजिल 1968
जवाब 1970
दुश्मन 1971
मेरे अपने 1971
गोमती के किनारे 1972
पाक़ीज़ा 1972
मीना कुमारी को मिलने वाले अवार्ड (Meena Kumari Awards)
वर्ष 1954 में बैजू बावरा फिल्म के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस
वर्ष 1955 में फिल्म परिणीता के लिए दूसरा फिल्म फेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस
वर्ष 1963 में साहेब बीवी और गुलाम के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस
वर्ष 1966 में फिल्म काजल के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस
इसके साथ ही इन्हें बंगाल फ़िल्म पत्रकार संगठन द्वारा भी बहुत से अवार्ड दिए गए। वर्ष 2011 में डाक विभाग द्वारा एक डाक टिकट मीना कुमारी की याद में जारी किया गया था।
मीना कुमारी की मृत्यु (Death of Meena Kumari)
केवल 38 वर्ष की आयु में मीना कुमारी लंबे समय तक बीमार होने के बाद यह दुनिया छोड़ कर चली गई। 31 मार्च 1972 में मीना कुमारी की मृत्यु सेंट एलिजाबेथ अस्पताल में हुई।
1993 में इनके पति कमाल अमरोही की मृत्यु हुई और इनको भी मीना कुमारी के बगल में दफ़नाया गया।
कहते हैं कि मीना कुमारी अपने विवाह के टूटने के कारण बहुत ही उदास रहने लगी थी। उन्हें शराब की लत लग गई थी जिसका उनकी सेहत पर बहुत बुरा असर हुआ।
अपनी बीमारी के दौरान भी उन्होंने पाक़ीज़ा नामक फिल्म में काम करने के लिए मंजूरी दे दी। जब यह फिल्म रिलीज हुई तब तक मीना कुमारी यह दुनिया छोड़ चुकी थी।
दुख भरी भूमिकाओं की बेहतरीन अदाकारी की वजह से इनको ट्रेज़ेडी क्वीन भी कहा जाता था।
मीना कुमारी ने अपनी जीवन में भी बहुत से कष्ट झेले हैं। अपने जीवन में इतने कष्ट झेलने के बाद भी मीना कुमारी ने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक फिल्में दी जिसके लिए वह हमेशा याद रखी जाएंगी।
Author:
आयशा जाफ़री, प्रयागराज