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मनोज कुमार की जीवनी | Biography of Manoj Kumar in Hindi
मनोज कुमार जाने-माने फिल्म अभिनेता होने के साथ ही लोकप्रिय और सफल अभिनेताओं में शुमार हैं। उन्होंने हिंदी सिनेमा में देशभक्ति से संबंधित काफ़ी फिल्में बनाई।
यही कारण है कि उन्हें एक देशभक्त अभिनेता के रूप में पहचान मिली। मनोज कुमार ने फिल्मों में अपना करियर 1965 में ‘शहीद’ नामक फिल्म से बनाया।
उनकी फिल्में बेहद ही बेहतरीन रही, इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें साल 2015 में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के और 1992 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाज़ा गया।
आइये जानने की कोशिश करते हैं मनोज कुमार के जीवन के प्रत्येक पहलुओं के बारे में:-
नाम | मनोज कुमार |
अन्य नाम | भारत कुमार, हरिकिशन गिरी गोस्वामी |
जन्म तिथि | 24 जुलाई 1937 |
जन्म स्थान | एबटाबाद (ब्रिटिश भारत में), ( ख़ैबर- पख़्तूनख़्वा, पाकिस्तान) |
पिता का नाम | एच.एल.गोस्वामी |
माता का नाम | कृष्णा कुमारी गोस्वामी |
भाई का नाम | राजीव गोस्वामी, मनीष आर गोस्वामी |
बहन का नाम | नीलम गोस्वामी |
वैवाहिक स्थिति | शादीशुदा |
पत्नी का नाम | शशि गोस्वामी |
बच्चे | 2 बेटे |
बच्चों के नाम | विशाल गोस्वामी, कुनाल गोस्वामी |
पेशा | फ़िल्म अभिनेता |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
ऊंचाई | 178 सेमी, 1.78 मीटर, 5’10 इंच |
वजन | 85 किलो |
बालों का रंग | काला |
आंखों का रंग | काला |
राशि | कर्क |
धर्म | हिंदू |
कॉलेज | हिन्दू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय |
शौक | संगीत और गायन |
मनोज कुमार का प्रारंभिक जीवन (Early Life of Manoj Kumar)
मनोज कुमार का जन्म एबटाबाद में हुआ था जो कि उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत (North-West Frontier Province– NWEP) में आता है। लेकिन मौजूदा समय में यह शहर ख़ैबर- पख़्तूनख़्वा, पाकिस्तान में है।
मनोज कुमार का जन्म से नाम था – हरिकिशन गिरी गोस्वामी, लेकिन आगे जाकर फिल्मी दुनिया में उन्हें मनोज कुमार के नाम से ही पुकारा जाने लगा। इसके अलावा उनका एक अन्य नाम भारत कुमार भी है। मनोज कुमार की बहुधा फिल्मों में उनके किरदार का नाम भारत रहता था इसलिए उन्हें इसी नाम से पुकारा जाने लगा।
मनोज कुमार के पिता का नाम एच.एल. गोस्वामी है, वहीं उनकी माता का नाम कृष्णा कुमारी गोस्वामी है। मनोज के भाइयों का नाम राजीव गोस्वामी तथा मनीष आर. गोस्वामी है तथा उनकी बहन का नाम नीलम गोस्वामी है।
मनोज जब 10 वर्ष के थे तभी विभाजन की वजह से उनके परिवार को दिल्ली आना पड़ा था। दिल्ली आने के बाद उनके परिवार को किंग्सवे कैंप में शरणार्थियों के साथ रहना पड़ा और बाद में जाकर वे दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर इलाके में आ गए।
उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से पूरी की। जो कि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है। वे बचपन से ही फिल्म जगत में जाना चाहते थे इसलिए जैसे ही उनकी पढ़ाई खत्म हुई, वैसे ही वे अभिनय के लिए आगे बढ़े।
मनोज कुमार का व्यक्तिगत जीवन (Manoj Kumar’s Personal Life)
मनोज कुमार की शादी शशि गोस्वामी से हुई। दोनों के दो बेटे हैं जिनमें से एक का नाम विशाल गोस्वामी है तथा दूसरे का नाम कुणाल गोस्वामी है।
मनोज कुमार का करियर (Manoj Kumar’s Career)
मनोज कुमार ने अभिनय के क्षेत्र में अपना करियर 1957 में शुरू किया। उस दौरान उन्होंने एक फिल्म ‘फैशन’ में काम किया। इसके अगले ही साल उन्होंने एक और फिल्म में काम किया जिसका नाम था ‘पंचायत’ 1958 में ही उन्होंने एक अन्य फिल्म ‘सहारा’ में अभिनय किया।
1959 में उन्होंने ‘चांद’ नामक फिल्म में काम किया। लेकिन सही मायनों में उन्हें फिल्म जगत में पहचान 1965 में आई फिल्म ‘शहीद’ से मिली। यह फिल्म देशभक्ति पर आधारित थी तथा इसके बाद ही उनकी छवि एक देशभक्त के रूप में स्थापित हुई।
इस फिल्म के बाद से ही मनोज कुमार ने अधिकतर देशभक्ति फिल्मों पर कार्य करना शुरू किया। उन्होंने 1967 में एक अन्य फिल्म ‘उपकार’ को निर्देशित किया। इस फिल्म में मनोज कुमार ने एक सैनिक व कृषक का रोल किया था।
मनोज कुमार के अवार्ड और उपलब्धियां (Awards & Achievements)
- 1968 में उनकी फिल्म ‘उपकार’ के लिए उन्हें बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट मूवी, बेस्ट स्टोरी और बेस्ट डायलॉग के अवार्ड से नवाज़ा गया। इस फिल्म का निर्देशन मनोज कुमार ने ही किया था।
- 1972 में उन्हें उनकी फिल्म ‘बे-ईमान’ के लिए ‘बेस्ट एक्टर’ अवार्ड प्रदान किया गया।
- 1972 में ही उन्हें ‘शोर’ के लिए ‘बेस्ट एडिटिंग’ का अवार्ड दिया गया।
- उन्हें 1975 में उनके फ़िल्म ‘रोटी कपड़ा मकान’ के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला।
- 1992 में उन्हें नागरिक पुरस्कार ‘पद्मश्री’ से नवाजा गया।
- साल 1981 में मनोज ने फिल्म क्रांति का निर्देशन किया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी।
- 1999 में उन्हें फ़िल्मफ़ेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया।
- 2008 में उन्हें ‘किशोर कुमार’ अवार्ड से नवाजा गया।
मनोज कुमार की कुछ फिल्में (Some Movies of Manoj Kumar)
- हरियाली और रास्ता (1962)
- वह कौन थी (1964)
- शहीद (1965)
- हिमालय की गोद में (1965)
- उपकार (1967)
- गुमनाम (1965)
- पत्थर के सनम (1967)
- पूरब और पश्चिम (1970)
- रोटी कपड़ा और मकान (1974)
- क्रांति (1981)
- रेशमी रुमाल (1961)
- फैशन (1957)
- कांच की गुड़िया (1961)
मनोज कुमार को लेकर विवाद (Controversy over Manoj Kumar)
मनोज कुमार तब सुर्खियों में आए जब साल 2007 में फिल्म ओम शांति ओम में उनकी एक तस्वीर का मजाक उड़ाया गया।
इस बात से नाराज मनोज कुमार ने शाहरुख खान और निर्देशक फराह खान पर मानहानि का केस दर्ज कर दिया। वहीं दूसरी और शाहरुख खान इस संबंध में दावा करते हैं कि उन्होंने मनोज कुमार से क्षमा मांग ली थी।
मनोज कुमार की पसंद-नापसंद (Likes & Dislikes)
मनोज कुमार के पसंदीदा अभिनेता अशोक कुमार और दिलीप कुमार हैं। मनोज को इनकी फिल्में इतनी अधिक अच्छी लगती हैं कि उन्होंने अपना नाम भी इनकी तर्ज़ पर मनोज कुमार रख लिया। मनोज को अभिनेत्रियों में कामिनी कौशल पसंद हैं।
मनोज को बंद गले के कपड़े पसंद हैं, इसीलिए वह हमेशा इस तरह के कपड़े पहनते हैं चाहे वह शर्ट हो या कुर्ता।
मनोज कुमार के बारे में कुछ रोचक जानकारियां (Some Interesting Information about Manoj Kumar in Hindi)
- ब्राह्मण परिवार में जन्मे मनोज कुमार 10 वर्ष के थे तभी उनके परिवार ने विभाजन के बाद एबटाबाद छोड़ दिया गया।
- भारत के विभाजन के वक्त विजय नगर के किंग्सवे कैंप में मनोज कुमार शरणार्थियों के रूप में भी रहे थे और तत्पश्चात वे दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर में चले गए।
- बचपन से ही मनोज कुमार, अशोक कुमार और दिलीप कुमार से प्रभावित व प्रेरित थे। इसी के संबंध में आखिरकार उन्होंने स्वयं का नाम मनोज कुमार रख लिया।
- 1965 में एक फिल्म प्रदर्शित की गई जो कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के जीवन पर आधारित थी। मनोज ने कई देशभक्ति फिल्में बनाई जिनमें से यह भी एक थी।
- मनोज कुमार ने कई फिल्मों में देशभक्त की भूमिकाएं निभाई जिस वजह से वे ‘भारत कुमार’ के नाम से विख्यात हो गए।
- 1989 में उन्होंने पाकिस्तानी अभिनेताओं को कास्ट किया। ऐसा करने वाले पहले भारतीय निर्देशक हैं।
- 1992 में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री मिला।
- वर्ष 2004 में यह खबरें चलने लगी कि मनोज कुमार शिवसेना में शामिल हो गए।
- 2008 में मध्य प्रदेश की सरकार ने मनोज कुमार को किशोर कुमार सम्मान से नवाजा।
- 2016 में उन्हें भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया।
- मनोज कुमार बताते हैं कि जब अमिताभ बच्चन अपनी जिंदगी से हताश हो चुके थे तथा उनकी नाकामयाबी पर लोग उन्हें ताना देने लगे तब मनोज ने अपनी फिल्म रोटी, कपड़ा और मकान में उन्हें काम करने का मौका दिया।
- मनोज कुमार की अधिकतर फिल्मों में उनके किरदार का नाम भारत कुमार हुआ करता था जिससे लोग भी उन्हें इसी नाम से पुकारने लगे।
- मनोज ने फिल्म रोटी, कपड़ा व मकान की प्रेरणा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री से ली थी जिन्होंने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था।
Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।